उघमी सौभाग्य आर स्वेन का भरोसा - नारी का सशक्तिकरण समृद्ध समाज
सशक्तिकरण आत्मविश्वास है जो कि एक आदमी को अपनी दिलचस्पियों के लिए अधिकार के साथ खड़े रहने की ताकत देती है। यह बात हर नर नारी पर लागू होती है कि वह अपना हर कदम पूरे विश्वास और ठहराव के साथ रख सके। समय के साथ नारी जाति ने अपनी ताकत को समझा। तब दुनिया में आगाज़ हुआ नारी सशक्तिकरण क्रांति का। इसके फलस्वरूप नारी ने अपनी क्षमता और कारीगरी के बल पर सम्मान प्राप्त किया। आज वह नर के पीछे नहीं उसके साथ चलती है।विंसिटोर ग्रुप के सौभाग्य आर स्वेन बहुत ही कर्मठ व्यापारी हैं जो औरतों के सम्मान और प्रगति के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। वो तीन खास व्यवधानों पर उनकी उन्नति देखना चाहते हैं-- शिक्षा, समाज एवं आर्थिक। उनका लक्ष्य रहा है कि औरतें अपने लिए उद्देश्य बनाना सीखें, रास्ते में आने वाले विघ्नों को संभाल पाएं और अपने हर कदम को सशक्त बनाएं। इसके लिए मनोविज्ञान के आधार पर सौभाग्य ने औरतों की मानसिकता को मज़बूत करने और तराशने का ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाया। यह प्रोग्राम उड़ीसा, बंगाल, आंध्रा और तमिलनाडु में चल रहा है। यह कार्यक्रम खासतौर पर सामाजिक और मानसिक तौर से ग्रस्त महिलाओं के लिए काम करता है। इन सब कार्यक्रमों के साथ, स्वेन ने अपनी कम्पनी में हमेशा औरतों को कोई न कोई ओहदा दिया है। वैसे तो वहां बहुत महिलाएं हैं, परन्तु दो खास ओहदे हैं:• विंसिटोर स्टील एवं निर्माण की सह संस्थापक और विंसिटोर ग्रुप की मुख्य सलाहकार सस्मीता स्वेन हैं। उनको अपनी काबिलियत दिखाने का देश एवं विदेश में भी मौका मिला। वो ग्रुप की एक मज़बूत कड़ी हैं।• नमृता शर्मा जो कि विंसिटोर लाईफस्टाईल की सह संस्थापक हैं। इनकी फैशन की दुनिया से अलग और आगे की सोच ने लाईफस्टाईल कम्पनी को दुनिया के लगभग हर कोने में पहुंचाया है। आज नम्रता जी एवं इनकी कम्पनी को किसी परिचय की ज़रूरत नहीं है।सौभाग्य ने हमेशा महिलाओं को सम्मान दिया है जिसके चलते उन्होंने अपनी हर कम्पनी में उनके भर्ती होने को प्रोत्साहित किया है।भारत सरकार ने भी उघमी औरतों के लिए कईं कार्यक्रम, नीतियां और योजनाएं चलाई हैं। इससे उनको हर तरीके से बहुत मदद मिलती है। पिछड़े वर्ग या गरीब उघमी औरतों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने "उघोगिनी योजना" भी चलाई है। कईं योजनाएं और भी हैं, जैसे - भारतीय महिला बैंक, अन्नपूर्णा, स्त्री शक्ति आदि। नारी जाति में घर एवं देश दोनों की अर्थव्यवस्था संभालने की क्षमता होती है। दुनिया की तरक्की और स्थिरता के लिए लैंगिक समानता की कीमत को हर किसी के लिए समझना बहुत ज़रूरी है। सरकार एवं परिवार में दोनों को चाहिए कि नारी को सम्मान दें और आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें। नारी सशक्तिकरण से देश, परिवार एवं समाज का विकास होता है।
सशक्तिकरण आत्मविश्वास है जो कि एक आदमी को अपनी दिलचस्पियों के लिए अधिकार के साथ खड़े रहने की ताकत देती है। यह बात हर नर नारी पर लागू होती है कि वह अपना हर कदम पूरे विश्वास और ठहराव के साथ रख सके।
समय के साथ नारी जाति ने अपनी ताकत को समझा। तब दुनिया में आगाज़ हुआ नारी सशक्तिकरण क्रांति का। इसके फलस्वरूप नारी ने अपनी क्षमता और कारीगरी के बल पर सम्मान प्राप्त किया। आज वह नर के पीछे नहीं उसके साथ चलती है।
विंसिटोर ग्रुप के सौभाग्य आर स्वेन बहुत ही कर्मठ व्यापारी हैं जो औरतों के सम्मान और प्रगति के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। वो तीन खास व्यवधानों पर उनकी उन्नति देखना चाहते हैं-- शिक्षा, समाज एवं आर्थिक। उनका लक्ष्य रहा है कि औरतें अपने लिए उद्देश्य बनाना सीखें, रास्ते में आने वाले विघ्नों को संभाल पाएं और अपने हर कदम को सशक्त बनाएं। इसके लिए मनोविज्ञान के आधार पर सौभाग्य ने औरतों की मानसिकता को मज़बूत करने और तराशने का ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाया। यह प्रोग्राम उड़ीसा, बंगाल, आंध्रा और तमिलनाडु में चल रहा है। यह कार्यक्रम खासतौर पर सामाजिक और मानसिक तौर से ग्रस्त महिलाओं के लिए काम करता है। इन सब कार्यक्रमों के साथ, स्वेन ने अपनी कम्पनी में हमेशा औरतों को कोई न कोई ओहदा दिया है। वैसे तो वहां बहुत महिलाएं हैं, परन्तु दो खास ओहदे हैं:
• विंसिटोर स्टील एवं निर्माण की सह संस्थापक और विंसिटोर ग्रुप की मुख्य सलाहकार सस्मीता स्वेन हैं। उनको अपनी काबिलियत दिखाने का देश एवं विदेश में भी मौका मिला। वो ग्रुप की एक मज़बूत कड़ी हैं।
• नमृता शर्मा जो कि विंसिटोर लाईफस्टाईल की सह संस्थापक हैं। इनकी फैशन की दुनिया से अलग और आगे की सोच ने लाईफस्टाईल कम्पनी को दुनिया के लगभग हर कोने में पहुंचाया है। आज नम्रता जी एवं इनकी कम्पनी को किसी परिचय की ज़रूरत नहीं है।
सौभाग्य ने हमेशा महिलाओं को सम्मान दिया है जिसके चलते उन्होंने अपनी हर कम्पनी में उनके भर्ती होने को प्रोत्साहित किया है।
भारत सरकार ने भी उघमी औरतों के लिए कईं कार्यक्रम, नीतियां और योजनाएं चलाई हैं। इससे उनको हर तरीके से बहुत मदद मिलती है। पिछड़े वर्ग या गरीब उघमी औरतों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने "उघोगिनी योजना" भी चलाई है। कईं योजनाएं और भी हैं, जैसे - भारतीय महिला बैंक, अन्नपूर्णा, स्त्री शक्ति आदि।
नारी जाति में घर एवं देश दोनों की अर्थव्यवस्था संभालने की क्षमता होती है। दुनिया की तरक्की और स्थिरता के लिए लैंगिक समानता की कीमत को हर किसी के लिए समझना बहुत ज़रूरी है। सरकार एवं परिवार में दोनों को चाहिए कि नारी को सम्मान दें और आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें। नारी सशक्तिकरण से देश, परिवार एवं समाज का विकास होता है।